Huge Interest: बैंक में कई खाते हैं। जैसे फिक्स्ड डिपॉजिट, करेंट, सेविंग और अन्य अकाउंट रिकरिंग डिपॉजिट (Recurring Deposit) अकाउंट भी इसी तरह है। आज हम रिकरिंग डिपॉजिट क्या होता है और इसके फायदे बताने जा रहे हैं।
रिकरिंग डिपॉजिट क्या है?
भारतीय बैंक ग्राहकों को एक विशिष्ट टर्म डिपॉजिट (RD) देते हैं। यह एक निवेश टूल है जो लोगों को नियमित रूप से निवेश करने में मदद करता है और निवेश पर उच्च रिटर्न देता है। नियमित जमा और ब्याज के कारण, इसमें अक्सर निवेश करने में आसानी और लचीलापन मिलता है।
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FD से अलग RD
आपको बता दें कि RD और FD अलग-अलग हैं। हर महीने आरडी खाताधारक एक निश्चित मात्रा में निवेश करने का निर्णय ले सकता है और उसके बाद उच्च ब्याज प्राप्त कर सकता है। RD सेविंग भी अच्छा है।
कितनी समय सीमा है?
आरडी अकाउंट अक्सर छह महीने से दस वर्ष तक रहता है। बैंक लोगों को आवश्यकतानुसार अवधि चुनने का अवसर देते हैं। लेकिन ब्याज दर एक बार निर्धारित होने पर पूरे कार्यकाल में नहीं बदलती। मैच्योरिटी के बाद आरडी अकाउंट होल्डर को नियमित निवेश और अर्जित ब्याज का एकमुश्त भुगतान किया जाता है।
आरडी अकाउंट क्या है?
रिकरिंग डिपॉजिट अकाउंट का उद्देश्य लोगों को नियमित रूप से बचत करने की आदत बनाना है।
इस अकाउंट में जमा करने की न्यूनतम राशि प्रत्येक बैंक से अलग होती है। आपको बताओ कि आप एक हजार रुपये का निवेश कर सकते हैं।
आप इसमें 6 महीने से 10 साल तक निवेश कर सकते हैं।
एफडी के बराबर लेकिन बचत खाते से अधिक इंटरेस्ट दर देता है प्री-मैच्योर आरडी अकाउंट निकासी के नियम हर बैंक में अलग होते हैं। कुछ परिस्थितियों में बैंक आपको मैच्योरिटी से पहले खाता बंद करने की अनुमति दे सकता है।