Navratri 2023: ऐसे करें नवरात्रि के तीसरे दिन मां की पूजा, होगा लाभ

Navratri 2023: शारदीय नवरात्रि के पहले दिन लोगों ने मां शैलपुत्री और मां ब्रह्मचारिणी की पूजा पूरी तरह से की। नवरात्र का तीसरा दिन आज है। आज दुर्गा मां के तीसरे स्वरूप, चंद्रघंटा की पूजा की जाएगी। मान्यता है कि आज आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मां चंद्रघंटा की पूजा करने से दाम्पत्य जीवन में खुशी आती है।
ऐसे में आज के दिन देवी चंद्रघंटा की पूजा करें यदि आप चाहते हैं कि आपकी शादीशुदा जिंदगी खुशहाल रहे। श्रद्धापूर्वक पूजा करने से मां की कृपा अपने भक्तों पर बनी रहती है और सुख-समृद्धि मिलती है। मां चंद्रघंटा मां पार्वती का रौद्र रूप हैं।
पौराणिक कथाओं में कहा जाता है कि मां पार्वती ने राक्षसों से लड़ने के लिए रौद्र रूप धारण किया था, ताकि उनसे छुटकारा पाया जा सके।
आगरा (दयालबाग) के ज्योतिष एवं वास्तु आचार्य प्रमोद कुमार अग्रवाल से शुभ समय, मुहूर्त, पूजन विधि, महत्व, मंत्र आदि के बारे में जानें।
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा का शुभ मुहूर्त
नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा नियमानुसार और शुभ मुहूर्त में करें, तभी लाभ मिलेगा। पूजा करने का शुभ समय सुबह 10 बजे 45 मिनट से दोपहर 12 बजे 10 मिनट तक है। अमृत काल दोपहर 12 बजे 11 मिनट से 1 बजे 36 मिनट तक चलता है। साथ ही शुभ मुहूर्त अपराह्न 03:03 से सायं 04:28 बजे तक है।
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मां चंद्रघंटा के पूजा मंत्र
“या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नमः।”
पिंडज प्रवरारूढा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं, चंद्रघंटेति विश्रुता।।
ॐ देवी चन्द्रघण्टायै नमः॥
मां चंद्रघंटा को इन भोगों से प्यार होता है. मां दुर्गा के सभी स्वरूपों की पूजा करते समय विभिन्न प्रकार के भोग लगाए जाते हैं। मां चंद्रघंटा को भोग में सेब, केला, दूध की मिठाई, खीर आदि मिल सकते हैं क्योंकि वे इन चीजों को बहुत पसंद करती हैं।
मां चंद्रघंटा का पसंदीदा रंग और फूल: यदि आप पूजा में माता चंद्रघंटा को कोई फूल चढ़ाएं तो सफेद कमल चढ़ाएं। लाल गुड़हल या पीला फूल भी अर्पित कर सकते हैं।