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GST: इन चीजों पर घाटा टेक्स, जानिए क्या हुआ सस्ता

GST: जीएसटी काउंसिल की 52वीं बैठक में शराब पर महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। इसके परिणामस्वरूप, ग्राहकों पर टैक्स लगाने का अधिकार राज्यों को जीएसटी काउंसिल ने दिया है।

काउंसिल ने निर्णय लिया कि कस्टमर्स वाले रॉ-मटीरियल एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल (ENA) को जीएसटी से छूट दी जाएगी, लेकिन औद्योगिक प्रयोग के लिए इस्तेमाल होने वाले ENA पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाया जाएगा।

माना जाता है कि जीएसटी (GST) काउंसिल के फैसले से शराब की कीमतें भी प्रभावित होंगी। शराब खरीदारों को राहत मिल सकती है। लेकिन राज्य और शराब कंपनियां इसे पूरी तरह से नियंत्रित करते हैं।

आटा पर निर्णय:

लेबल वाले मोटे अनाज के आटे पर पांच प्रतिशत कर लगाने का निर्णय काउंसिल ने लिया। पैक करके लेबल लगाकर आटे को बेचने पर जीएसटी लागू होगा। 70% से अधिक मोटे अनाज से बना आटा खुले बाजार में शून्य जीएसटी लागू होगा, लेकिन पैक करके और लेबल लगाकर बेचा गया आटा पांच प्रतिशत जीएसटी लागू होगा।

शीरा टैक्स में कमी का लाभ-

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि शीरे पर जीएसटी में कटौती से गन्ना किसानों को फायदा होगा और उनका बकाया तेजी से चुकाया जा सकेगा। उनका कहना था कि बड़ी बात यह है कि इससे पशु चारा बनाने की लागत भी कम होगी।

निदेशकों के लिए राहत—

जीएसटी काउंसिल ने बताया कि कॉरपोरेट क्षेत्र द्वारा अपनी सहायक कंपनियों को दी गई गारंटी पर जीएसटी 18 प्रतिशत लगेगा। निदेशक की कंपनी व्यक्तिगत गारंटी पर टैक्स नहीं लगेगा।

परिषद ने फैसला किया कि कॉरपोरेट गारंटी देने पर सेवा का मूल्य शून्य माना जाएगा, इसलिए जीएसटी लागू नहीं होगा, राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने बताया।

उन्होंने कहा कि सेवा का मूल्य कॉरपोरेट गारंटी का एक प्रतिशत होगा जब कोई कंपनी अपनी सहायक इकाई को कॉरपोरेट गारंटी देगी। इसलिए जीएसटी का 18 प्रतिशत कुल राशि पर लगेगा।

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GST अपीलीय न्यायाधिकरण (GSTAT) के अध्यक्ष और सदस्यों की अधिकतम आयु सीमा भी निर्धारित की गई है। इससे जीएसटीएटी के सदस्यों और अध्यक्ष की अधिकतम आयु 70 वर्ष होगी। यह सीमा पहले 67 वर्ष और 65 वर्ष थी।

ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को चोट लगी—
राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि ऑनलाइन गेमिंग और कैसिनो पर शुरू से ही 28 प्रतिशत जीएसटी लागू था।

दिल्ली और गोवा जैसे राज्यों ने पिछले कुछ समय से ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों और कैसीनो पर टैक्स लगाने की मांग उठाई है। मल्होत्रा ने कहा कि पिछली तारीख से कुछ सदस्यों ने टैक्सेशन का मुद्दा उठाया है।

मल्होत्रा ने कहा कि पिछली तारीख से कुछ सदस्यों ने टैक्सेशन का मुद्दा उठाया है। उन्हें बताया गया कि यह अंतिम तिथि से लागू नहीं हुआ था, बल्कि पहले से ही कानून में था। जब से ये ऑनलाइन गेम दांव लगाकर खेले जाते थे, ये देनदारियां पहले से ही मौजूद थीं..। दांव या जुए के चलते, इन पर पहले से ही 28 प्रतिशत जीएसटी लग रहा था।

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