Dragon Fruit: देश के किसान पारंपरिक फसलों के अलावा अनेक फल और सब्जियां उगा रहे हैं। हम बात कर रहे हैं ड्रैगन फ्रूट नामक एक फल की।
बिहार के सीतामढ़ी में एक किसान ने ड्रैगन फ्रूट भी बोया है। किसान आर्गेनिक खेती कर रहे हैं। साथ ही, ड्रैगन फ्रूट की मांग बढ़ती जा रही है, जिससे किसानों को अच्छी कमाई मिलती है।
सीतामढ़ी जिले के फरछाहियां गांव निवासी सुनील कुमार ने पांच कट्ठे में ड्रैगन फ्रूट के पेड़ लगाए हैं। उन्हें 350 ड्रैगन फ्रूट के पौधे हैं।जिले में ड्रैगन फ्रूट की खेती करने वाले अकेले किसान सुनील हैं।
किसान सुनील कुमार ने बताया कि सोशल मीडिया ने ड्रैगन फ्रूट की खेती का विचार दिया। वहीं से इसकी खेती का ज्ञान मिला। उन्होनें कहा कि आजकल सोशल मीडिया सबसे बड़ा पाठशाला है, जहां आप हर खेती से जुड़ी जानकारी पा सकते हैं।
केवल 16 दिन ही मिलता है ये Pansdari Laddu, जानें वजह
उन्हें बताया गया कि वे पांच कट्ठे में प्रत्येक खम्भे पर 350 ड्रैगन फ्रूट के पौधे लगा रहे हैं। सभी पौधे तीन साल के हैं। पौधे को फल देने लायक होने में पंद्रह महीने लगते हैं। पूरी तरह से तैयार होने में पांच वर्ष लगते हैं। पिछले वर्ष से ही फल आने लगे हैं।
सुनील का मानना है कि इस खास तरह की खेती में गेहूं, धान या अन्य फसलों से अधिक पैसा कमा सकते हैं। एक बार खर्च होने के बाद 25 वर्ष तक इससे लाभ मिलता रहेगा।
सुनील ने बताया कि पिछले साल एक क्विंटल ड्रैगन फ्रूट बनाया गया था। हालाँकि, अब तक दो क्विंटल से अधिक का उत्पादन हुआ है और लगभग दो से तीन क्विंटल और फल का उत्पादन होना चाहिए। दिसंबर तक इससे लाभ मिलेगा। एक पेड़ प्रति वर्ष 15 किलो फल देता है।
250 रुपये प्रति किलो ड्रैगन फ्रूट (Dragon Fruit) बिक जाता है। फल की मांग अधिक है। व्यापारी के हाथ में आने से पहले व्यक्तिगत भावना में ही बिक जाता है। यह हर सीजन में फलता है, जो इसकी विशिष्टता है। ड्रैगन फ्रूट की खेती पूरी तरह से सफल है और अगले वर्ष अधिक उत्पादन के साथ अधिक मुनाफा भी मिलेगा।