Lifestyle: गेहूं के आटे से बनाई गई रोटियां अक्सर घरों में लंच या डिनर का हिस्सा होती हैं। गेहूं की रोटी देश भर में लोकप्रिय हैं।
यदि आप इसे (Lifestyle) और भी अधिक पौष्टिक बनाना चाहते हैं तो इसमें काले चने के आटे (बेसन) भी मिलाकर रोटी बना सकते हैं। इससे रोटी अधिक पौष्टिक होती है।
आप इस तरह रोटी बनाकर खाएंगे तो दोनों अनाज में मौजूद पोषक तत्वों को प्राप्त करेंगे। साथ ही सेहत को कई फायदे भी मिलेंगे।
आप गेहूं को पिसवाकर घर में आटा बनाने की बजाय, काले चने को भी पिसवा लें। जब भी रोटी बनानी हो, इन दोनों आटे को बराबर मात्रा में मिलाकर रोटी बनाकर खाएं। काले चने और गेहूं के आटे को मिलाकर रोटी बनाने से क्या लाभ मिलता है?
गेहूं और बेसन की रोटी खाने के लाभ
सामान्य गेहूं के आटे में कोई दूसरा अनाज का आटा मिलाकर रोटी बनाने से अधिक पौष्टिक होता है। इससे आटे में प्रोटीन अधिक होता है। ऐसे में आप बेसन को आटे में मिलाकर रोटी बना सकते हैं अगर आप चाहें।
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एचटी डॉट कॉम में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार, गेहूं का आटा बेसन (या अन्य अनाज या लेंटिल्स) के साथ मिलाकर उच्च प्रोटीन युक्त बनाया जा सकता है। आप कई अन्य स्वास्थ्य लाभ भी पा सकते हैं। इससे शुगर स्तर नियंत्रित होगा और वजन कम होगा।
जब आप बेसन को आटे में मिलाकर रोटी बनाते हैं, तो इसमें फाइबर और प्रोटीन दोगुना होता है, जिससे आपका पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है। कम कैलोरी और अधिक फाइबर होने के कारण आप देर तक भरे रहते हैं, जिससे वजन बढ़ने का भय नहीं रहता।
डायबिटीज में बेसन या काले चने का आटा भी अच्छा होता है। बेसन के आटे से बनी रोटी खाने से शुगर स्तर नियंत्रित रहता है। इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स बहुत कम है। आप बेसन की रोटी का स्वाद नहीं चाहते तो इसे गेहूं के आटे में मिलाकर रोटी बना सकते हैं।
काले चने में प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट, आयरन और विटामिंस हैं। गेहूं के आटे और चने (बेसन) के आटे को मिलाकर रोटी बनाने से कोई स्वास्थ्य समस्या नहीं होती। गेहूं के आटे में बेसन मिलाकर रोटी बनाकर खा सकते हैं। आपको फायदा होगा।
गेहूं के आटे में बेसन मिलाकर गूंथें और इसकी रोटी खाएं, अगर आपको उच्च कोलेस्ट्रॉल चाहिए। गेहूं के आटे और चने का आटा मिलाकर खाने से कोलेस्ट्रॉल कम नहीं होता। इस तरह आप दिल की बीमारी से भी बच सकते हैं।