Emergency Fund: आपके पास इमरजेंसी के लिए होने चाहिए इतना पैसा

Emergency Fund: भारत में सरकारी नौकरी पाना बहुत मुश्किल है। यही कारण है कि अधिकांश लोग खुद का बिजनेस नहीं करते और प्राइवेट काम करते हैं।

व्यवसाय में काम करने वालों को हर महीने एक निश्चित भुगतान दिया जाता है। सैलरी आते ही अधिकांश लोग इसे खर्च कर देते हैं। इसके बाद खर्च करने लगते हैं, या क्रेडिट कार्ड से पैसे उधार (Emergency Fund) लेते हैं। लेकिन ऐसा करने के कई बार गंभीर परिणाम होते हैं और लोगों को बाद में पुनर्गठित कर दिया जाता है। इसलिए प्राइवेट नौकरी करने वालों के पास इमरजेंसी फंड होना चाहिए।

दरअसल, वे हर महीने सैलरी मिलने की वजह से सरकारी नौकरी से बेफिक्र हैं। पैसे खत्म होने पर अगले महीने की सैलरी की प्रतीक्षा करने लगते हैं। लेकिन ऐसा करने से बचना चाहिए और हमेशा इमरजेंसी पैसे अपने पास रखना चाहिए। क्योंकि जीवन की मुश्किलों को बताकर नहीं हल किया जा सकता।

अकउंट में बचत के पैसे होने चाहिए अगर नौकरी चली जाए या कोई मेडिकल इमरजेंसी हो। यदि आपका परिवार भी आप पर निर्भर है, तो आपके लिए इमरजेंसी पैसे की आवश्यकता और भी अधिक होगी।

इमरजेंसी के लिए कितने पैसे चाहिए?

आपके मन में ये सवाल आ सकता है कि इमरजेंसी फंड कितना होना चाहिए। क्योंकि एक व्यक्ति का वेतन 20 से 22 हजार रुपये होता है और दूसरा व्यक्ति 1 से 2 लाख रुपये।

आपके मन में ये सवाल आ सकता है कि इमरजेंसी फंड कितना होना चाहिए। क्योंकि एक व्यक्ति का वेतन 20 से 22 हजार रुपये होता है और दूसरा व्यक्ति 1 से 2 लाख रुपये। वित्तीय जानकारों का कहना है कि नौकरी शुरू होते ही एक इमरजेंसी फंड बनाना चाहिए।

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इमरजेंसी फंड में कम से कम सौ दिन की आवश्यकताओं के बराबर धन होना चाहिए। लेकिन अगर आपके पास बड़ी फैमिली है और काम भी अस्थिर लग रहा है, तो आपके पास कम से कम छह महीने के लिए पर्याप्त धन होना चाहिए।

इमरजेंसी फंड को हर सैलरी स्ट्रक्चर में मेनटेन करें: यदि आपकी सैलरी लगभग पच्चीस हजार रुपये है, तो आपको लगभग एक लाख पांच सौ रुपये इमरजेंसी फंड में जमा करने होंगे।

ताकि आप इसे तुरंत निकाल सकें, कोशिश करें कि ये पैसे एक बचत खाते में हों। यानी आपको अपनी सैलरी का तीन गुना पैसा इमरजेंसी फंड में डाल देना चाहिए।

अपनाएं ये मापदंड

आपको अच्छी तरह से इमरजेंसी पैसे बचाने के लिए अपनी सैलरी का तीस प्रतिशत बचाना होगा। इसमें से कोशिश करें कि 15 प्रतिशत इन्वेस्ट करें, और बाकी 15 प्रतिशत फंड अकाउंट में जाए।


तब तक जारी रखें जब तक सैलरी का तीन गुना अमाउंट आपके अकाउंट में नहीं आ जाएगा। अगर काम असंभव है, तो कम से कम छह महीने का खर्च जोड़कर आपातकालीन पैसा बनाएं। यह भी ध्यान रखें कि इस धन का उपयोग केवल आपातकालीन परिस्थितियों में करें।

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