Vehicle Charging Station: उत्तर प्रदेश सरकार जल्द ही इलेक्ट्रॉनिक वाहन चलाने वालों को पुरस्कार देने की तैयारी कर रही है। प्रदेश में अब इलेक्ट्रिक वाहन चालक बिना चार्जिंग की चिंता किए गाड़ी दौड़ा सकते हैं।
प्रदेश सरकार ने यमुना, आगरा-लखनऊ, बुंदेलखंड, पूर्वांचल, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे और राज्य के बड़े शहरों में अत्याधुनिक चार्जिंग स्टेशन बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए बैटरी स्वैपिंग सिस्टम सहित सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित करने का काम शुरू हो गया है।
पीपीपी मॉडल पर चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे
इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को उत्तर प्रदेश में बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
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प्रदेश सरकार अब बड़े स्तर पर अत्याधुनिक चार्जिंग सेंटर बनाने की तैयारी कर रही है ताकि लोगों को इलेक्ट्रॉनिक वाहनों को चलाने में परेशानी न हो।
11 नवंबर से इन चार्जिंग स्टेशनों पर आवेदन मांगे जाएंगे। इसके बाद निविदा 29 नवंबर को खुलेगी। इस निविदा में सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन का निर्माण करने वाले ऑपरेटर को चुना जाएगा। प्राप्त जानकारी के अनुसार, ये चार्जिंग स्टेशन पब्लिक-पब्लिक पार्टनरशिप (PPP) मॉडल पर बनाए जाएंगे। जो यूपीडा चार्जिंग स्टेशनों के लिए चुने गए आवेदनकर्ताओं को 10 वर्षों के लिए साधारण लीज पर जमीन देगा। इसके अलावा, UPIDA पूरी तरह से वित्तीय सहयोग करेगा।
2000 चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे
सरकार 2000 चार्जिंग स्टेशनों को राज्य के सभी मुख्य राजमार्गों, बड़े शहरों, पर्यटक स्थानों, राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर बनाने जा रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, आगरा, लखनऊ, प्रयागराज सहित नगर पालिका युक्त शहरों में 1300 चार्जिंग स्टेशन, राम मंदिर और ताज महल जैसे ऐतिहासिक स्थानों पर 100 चार्जिंग स्टेशन, मथुरा-वृंदावन, वाराणसी-अयोध्या जैसे पर्यटक स्थलों पर 200 चार्जिंग स्टेशन और राज्य के राष्ट्रीय और राज्य राजमार्गों पर 400 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन बनाने की योजना है। चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना से इलाके में EV चालकों को काफी राहत मिलेगी। वाहन चार्जिंग की चिंता किए बिना लोग राज्य में कहीं भी जा सकेंगे।