Online Banking: डिजिटल ट्रांजेक्शन के साथ बढ़ते फ्रॉड के खतरे

DC Rate Job, Online Banking Safety: दैनिक जीवन की भागदौड़ में, एक नॉर्मल चाय ब्रेक या छोटी से छोटी चीज लेने के लिए भी हम ऑनलाइन पेमेंट (ONLINE BANKING) का सहारा लेते हैं. डिजिटल ट्रांजेक्शन (DIGITAL TRANSACTION) ने हमारे जीवन को कई हद तक आसान बना दिया है.

लोकल चाय की दुकानों पर क्यूआर कोड (QR CODE) स्कैन करने से लेकर किराने के सामान और ऑनलाइन शॉपिंग के लिए यूपीआई ट्रांजेक्शन तक ने चीजे कम मुश्किल कर दी हैं. हालांकि, इस सुविधा के बीच, ऑनलाइन बैंकिंग और ट्रांजेक्शन से जुड़े फ्रॉड और खतरे बढ़ते जा रहे हैं.

अलग अकाउंट है ज़रूरी

हम अक्सर अपने Main अकाउंट से ही ट्रांजेक्शन करने लगते हैं. लेकिन ये आपके ऊपर भारी पड़ सकता है. दैनिक लेनदेन के लिए जरूरी है कि आप एक अलग अकाउंट बनाए ताकि आपकी डिटेल्स सुरक्षित रहें. अपने दैनिक खर्चों को अपने प्राइमरी सेविंग अकाउंट से अलग करके, आप अपनी पूरी सेविंग्स को ऑनलाइन धोखाधड़ी और फ्रॉड से बचा सकते हैं. साथ ही अगर आप दैनिक लेनदेन के लिए एक अलग से अकाउंट बनाते हैं तो आप आसानी से अपने खर्चों को मॉनिटर कर सकते हैं.

ऑनलाइन बैंकिंग अनुभव को करे बेहतर

अपने ऑनलाइन बैंकिंग अनुभव को आप बेहतर कर सकते हैं. इसके लिए आप अलग-अलग उपाय कर सकते हैं-

  1. मजबूत और अलग पासवर्ड चुनें: बड़े और छोटे अक्षरों, नंबर, स्पेशल केरैक्टर वाले लंबे पासवर्ड चुनें. व्यक्तिगत जानकारी का उपयोग करने से बचें और अपने पासवर्ड नियमित रूप से अपडेट करें.
  2. टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन: टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन इनेबल करके अपने लॉगिन प्रोसेस को और भी सुरक्षित करें. इससे सिक्योरिटी में एक और लेयर जुड़ जाएगी और अकाउंट सुरक्षित रहेगा. इसे इनेबल करने के बाद जब भी आप अकाउंट यूज करेंगे तो आपको पासवर्ड के अलावा वेरिफिकेशन भी करना पड़ेगा.
  3. पब्लिक वाई-फाई से बचें: ऑनलाइन बैंकिंग ट्रांजेक्शन के लिए पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क का उपयोग करने से बचें. इससे आप डेटा ब्रीच और मैलवेयर अटैक से बच सकते हैं.
  4. बैंकिंग अलर्ट के लिए साइन अप करें: ट्रांजेक्शन, बैलेंस अपडेट और अकाउंट चेंज के लिए अलर्ट इनेबल कर दें. साथ ही अगर कोई संदिग्ध गतिविधि होती तो आपको मैसेज से अलर्ट भेज दिया जाएगा.
  5. फिशिंग स्कैम से सावधान रहें: व्यक्तिगत या वित्तीय जानकारी को लेकर जो भी ईमेल या मैसेज आए हैं उनका जवाब देते समय सावधानी बरतें. सेंसिटिव डिटेल्स शेयर करने से पहले अपने बैंक से वेरीफाई जरूर कर लें.
  6. अच्छे ऐप्स चुनें: विश्वसनीय स्रोतों से आधिकारिक बैंकिंग ऐप्स को प्राथमिकता दें और अपने बैंकिंग डिटेल्स देने वाले थर्ड पार्टी फाइनेंशियल ऐप्स पर अच्छी तरह से शोध करें.

इन चीज़ो का हो सकते हो शिकार

ऑनलाइन बैंकिंग सुविधा में आप फिशिंग से लेकर वायरस तक का शिकार हो सकते हैं. फिशिंग की बात करें तो अक्सर फ्रॉड करने वाले लोग भ्रामक ईमेल या मैसेज के माध्यम से सेंसिटिव जानकारी लेने का प्रयास करते हैं. वहीं, अगर आप थर्ड पार्टी से कोई ऐप डाउनलोड करते हैं तो वायरस और मैलवेयर का शिकार हो सकते हैं.

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