Factory: सीतामढ़ी के बेला गांव के युवा संजय पहले तमिलनाडु में रहकर काम करते थे। लेकिन उनका विचार था कि वे गांव में रहकर व्यवसाय करेंगे ताकि स्थानीय लोगों को भी काम मिलेगा। इसके लिए उन्होंने गांव में आकर मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत लोन के लिए आवेदन किया।
आवेदन स्वीकृत होने पर उद्योग विभाग से 10 लाख का लोन (Factory) दिया गया। इसके बाद सत्तू और बेसन बनाने का काम शुरू किया। गांव के लोगों को रोजगार देकर 50 से 60 हजार रुपये भी कमाई कर रहे हैं। अब उनके उत्पाद की मांग भी होने लगी है।
10 लाख लोन लेकर बेसन और सत्तू उद्योग का उद्घाटन
संजय ने कहा कि वे तमिलनाडु में रहते थे और सिलाई का काम करते थे। काम करते समय मुझे लगता था कि मैं अपने राज्य को छोड़कर दूसरे शहर में एक प्रवासी के रूप में काम कर रहा हूँ।
Get Hug Profit: इस खेती से किसानों को मिल रहा तगड़ा मुनाफा, जानें
उनका कहना था कि एक और विचार था कि गांव में रहकर कुछ उद्यम करना। जिससे दोनों अपने और दूसरों की भलाई हो सके। ये विचार मन में हमेशा रहते थे। एक दिन सब छोड़-छाड़ वापस गांव आ गए।
मुख्यमंत्री उद्यमी योजना से 10 लाख रुपये लोन लेकर सत्तू और बेसन उत्पादन शुरू किया। उनका कहना था कि सरकार का महत्वाकांक्षी प्रयास है कि कुटीर और लघु उद्योगों को बढ़ावा दिया जाए।
उनका कहना था कि धन तीन किस्तों में मिलता है। चार लाख रुपये पहली किस्त में, चार लाख रुपये दूसरी किस्त में और दो लाख रुपये तीसरी किस्त में खाते में आते हैं।
हर महीने 60 हजार रुपये की कमाई
संजय ने बताया कि फिलहाल दो लोगों को सत्तू और बेसन बनाने का काम दिया जाता है। जो मासिक 12 से 12 हजार रुपये मिलते हैं। संजय ने कहा कि सत्तू और बेसन तैयार होने के बाद इसे पैक करते हैं। इसके बाद आसपास की सभी दुकानों में इसे बेचते हैं। बेसन और सत्तू की सेल भी अच्छी होती हैं। डिमांड भी लगातार बढ़ रही है। उनका कहना था कि सारा खर्च काटकर हर महीने 60 हजार रुपये मिलते हैं।