PM Aawas: प्रधानमंत्री आवास प्रदान करने में कई जिलों में सरकारी तंत्र ने बहुत कुछ कर दिया। बहराइच राज्य अमीरों को गरीबों के आवास देने में पहले स्थान पर है।
2016-17 से 2022-23 तक बहराइच में 816 विद्यार्थियों को पीएम आवास दिया गया था। प्रतापगढ़ 475 अपात्रों को पीएम आवास देकर दूसरे स्थान पर है।
सीतापुर 379 अपात्रों को प्रधानमंत्री आवास (PM Aawas)देने में तीसरे स्थान पर है। अधिकारी अपात्रों की रिकॉर्डिंग करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं।
प्रधानमंत्री आवास गरीबों को कच्चे घरों में रहने का प्रावधान है। 1.20 लाख रुपये प्रधानमंत्री आवास पर खर्च होते हैं। लाभार्थियों के सत्यापन में सरकारी उपकरणों का योगदान था।
पक्के घरों में रहने वाले अमीर आवास के पैसे उनके बैंक खातों में भेजे गए। अपात्रों को क्रॉस जांच में गिरफ्तार किया गया था। शासन ने हाल ही में लापरवाह जिलों की सूची जारी की है जो अपात्र लाभार्थियों को आवास देते हैं।
साथ ही धन को वसूलकर सरकारी खाते में जमा करने का आदेश दिया गया है। बरेली मंडल के बदायूं में 59 अपात्र लाभार्थियों से 30.44 लाख का भुगतान होना चाहिए। सात साल में बदायूं प्रशासन ने अपात्रों से एक रुपया भी नहीं लिया है।
2016 से 2017 तक उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में 9217 प्रधानमंत्री आवास अपात्रों को आवास दिए गए। Top 10 जिलों में 3340 अपात्रों को घर मिला। अपात्रों से 54.61 करोड़ प्राप्त करना होगा। इसमें से अभी तक सिर्फ 35.75 करोड़ रुपये वसूले गए हैं।
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ये जिले रिकवरी में सबसे फिसड्डी हैं: अलीगढ़, अमरोहा, बदायूं और हाथरस पीएम आवास के अपात्र लाभार्थियों से वसूली। चार जिलों में 39,24 लाख की रिकवरी होनी चाहिए। चारों जिलों ने अब तक किसी भी पैसे की वसूली नहीं की है।
बरेली में लाभार्थियों के सत्यापन की प्रक्रिया दूसरे जिलों से अलग है। यहां, पंचायत सचिव लाभार्थी के घर जाकर फोटो खींचकर सीडीओ को भेजता है, जिससे मकान की स्थिति का पता चलता है। लाभार्थियों के घर के साथ फोटो एलबम बनाया गया है।
अधिकारी ने कहा कि
पीडी डीआरडीए तेजवंत सिंह ने कहा कि पीएम आवास के लाभार्थियों का व्यापक परीक्षण किया जाता है। लाभार्थी के घर जाकर पंचायत सचिव को फोटो लेना होगा। फर्जीवाड़ा नहीं रहता। बरेली में कोई अपात्र नहीं था।
ये टॉप टेन जिले अपात्रों को घर देते हैं
जिले में रहने वाले अपात्रों को आवास वसूली बकाया
बहराइच को 816 63.21 लाख, प्रतापगढ़ को 475 99.14 लाख, सीतापुर को 375 1.72 लाख, बलिया को 326 1.48 लाख, हरदोई को 300 70.55 लाख, रायबरेली को 286 1.09 लाख, सुल्तानपुर को 263 1.37 लाख, फतेहपुर को 209 1.04 लाख, आजमगढ़ को 187 84.58 लाख, औरैया को 103 91.0 लाख मिल गया।