Farmer Succes Story: पिछले कुछ वर्षों में देश और प्रदेश के किसानों ने पारंपरिक खेती को छोड़कर व्यापारिक खेती की ओर रुख किया है, जो स्वरोजगार और मोटा मुनाफा देती है।
जब कोई फलों की बागवानी (Farmer Succes Story) कर रहा है, तो कोई दूसरा फूलों की पौधों की तरफ देख रहा है। अमरोहा में रहने वाले किसान प्रदीप धारीवाल ने भी कुछ ऐसा ही किया है।
प्रदीप धारीवाल एक किसान हैं जो अमरोहा के गजरौला ब्लाक के गांव जगुआ खुर्द में रहता है और पढ़ा लिखा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, किसानी कर रहे प्रदीप ने कृषि में बीएससी किया है।
यही कारण है कि उन्हें खेती में बहुत रुचि है। पहले गेहूं, धान या गन्ने की फसल उगाते थे, लेकिन उन्हें कोलकाता के लोगों की अमरूद की पौध लगाने का विचार आया। यह एक साल में तीन बार फसल देता है।
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साल में तीन बार फसल आती है किसान प्रदीप ने बताया कि 800 बीघे खेत में उन्होंने 100 से अधिक पेड़ लगा रखे हैं। एक बार की फसल से ढ़ाई लाख रुपये मिलते हैं।
यह स्पष्ट है कि वर्ष में तीन बार फसल आने पर वे साढ़े सात लाख रुपये कमा रहे हैं। विशेष बात यह है कि किसान प्रदीप से आसपास के फल विक्रेता भी अमरूद खरीदने आते हैं। 100 कुंतल से अधिक बनाई जा रही हैं। अब यह किसान दूसरों के लिए प्रेरणा हैं।
पिता की मृत्यु के बाद प्रदीप ने खेती में रुचि दिखाई, लेकिन 2008 में उनके पिता की मृत्यु हो गई। बाद में पढ़ाई थोड़ी कठिन हो गई क्योंकि उन्हें पढ़ाई के साथ-साथ परिवार की जिम्मेदारी भी उठानी पड़ी, जिसकी वजह से वे पूरी तरह से खेती किसानी में लग गए।
प्रदीप धारीवाल के एक दोस्त ने एक दिन बताया कि कोलकाता में अमरूद की खेती बहुत अच्छी है और अच्छा मुनाफा देती है। फिर प्रदीप ने अपने दोस्त के साथ कोलकाता गया और वहां से पेड़ खरीदकर अमरोहा की खेती करने का निर्णय लिया। उसके पच्चीस पेड़ इस दौरान सूख गए, लेकिन वह हिम्मत नहीं हारी। इसके बाद, अमरूदों का अच्छा उत्पादन होता है और लोग दूर-दूर से अमरूद खरीदकर बेचते हैं।