Income Tax Notice: यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है अगर आप संपत्ति खरीदने या बेचने की सोच रहे हैं। भूमि डील करने से पहले आपको पैसे के लेनदेन के नियमों को जानना चाहिए, नहीं तो आपको बाद में पछताना पड़ सकता है।
जब आपने संपत्ति की खरीद या बिक्री के लिए कैश में लेनदेन की पेशकश की है, तो आपको बता दें कि कैश कुछ हद तक ही लेनदेन कर सकते हैं।
आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि आप कैश में संपत्ति खरीद सकते हैं और अगर आप इस नियम का उल्लंघन करते हैं तो क्या होगा।
कैश लेनदेन की अधिकतम सीमा क्या है?
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2015 में सरकार ने आयकर अधिनियम की धारा 269SS, 269T, 271D और 271E में कुछ बदलाव किए, जिससे आप केवल 19,999 रुपये तक का कैश बदल सकते हैं। आयकर विभाग से नोटिस मिल सकता है अगर आप इस नियम का पालन नहीं करते हैं।
उदाहरण के लिए, मान लीजिए आपने एक लाख रुपये की संपत्ति कैश में बेची है। इसके बाद, इनकम टैक्स की धारा 269SS के तहत पूरे पैसे को 100 प्रतिशत जुर्माने के तौर पर इनकम टैक्स देना होगा।
धारा 269T के तहत फिर से लग सकता जुर्माना
यदि आपकी डील कैंसल हो गई और सामने वाली पार्टी ने आपसे पैसे वापस कैश में मांगे, तो इनकम टैक्स की धारा 269T के तहत आप सिर्फ 20 हजार रुपये तक वापस पाएंगे। आपको धारा 269SS के तहत कैश में इससे अधिक की रकम फिर से देना होगा।
आयकर विभाग को क्या सूचना मिलेगी?
आपके मन में पूरी तरह से सही प्रश्न है कि अगर कैश में लेनदेन हो रहा है तो इनकम टैक्स कैसे पता चलेगा? रजिस्ट्री इसका उत्तर देती है। देश में संपत्ति खरीदने पर आपको उसे रजिस्ट्री करवानी पड़ती है, जिसके बाद संपत्ति कानूनी रूप से आपकी होती है।
ऐसे में, जब आप अपनी संपत्ति की रजिस्ट्री करेंगे, आयकर विभाग आपके सभी कैश लेनदेन की जानकारी लेगा, जिसके बाद आप पर कार्रवाई हो सकती है।
लेनदेन कैसे करें?
20,000 रुपये से अधिक के व्यापार में आप चेक या ऑनलाइन बैंकिंग का उपयोग कर सकते हैं। यहां ध्यान देने योग्य बात यह है कि ये इनकम टैक्स नियम सरकार, सरकारी कंपनी, बैंकिंग कंपनी या केंद्रीय सरकार की कुछ निश्चित संस्थाओं पर लागू नहीं होते हैं।