Business News: आयकर विभाग पिछले 15 दिनों में 22 हजार आयकरदाताओं को सूचना नोटिस जारी कर चुका है। इनके द्वारा इनकम टैक्स रिटर्न (Income tax return) में दी गई जानकारियों के आयकर विभाग के डेटा से मेल नहीं खाने के कारण ये नोटिस दिए गए हैं। जिनको नोटिस दिए गए हैं उनमें वेतनभोगी टैक्सपेयर्स, हिन्दू अनडिवाइडिट फैमिलिज (HUF), हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स (HIN) और ट्रस्ट शामिल हैं। सभी सूचना नोटिस असेसमेंट ईयर 2023-24 के लिए भरे गए आईटीआर (ITR) के लिए भेजा गया है। इन सभी के द्वारा आयकर रिटर्न में किया गया टैक्स कटौती का दावा फॉर्म 16 या एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट या फिर आयकर विभाग के आंकड़े से मेल नहीं खा रहा है।
इनकम टैक्स विभाग का (Income tax department) कहना है कि अगर आयकरदाता इस सूचना नोटिस का कोई जवाब नहीं देते हैं या कोई स्पष्टीकरण नहीं दे पाते हैं तो फिर उन्हें आयकर विभाग डिमांड नोटिस भेजेगा। आयकर विभाग ने कहा कि अगर किसी आयकरदाता पर टैक्स देनदारी बन रही है तो वह ब्याज के साथ बकाया टैक्स भुगतान कर सकता है और अपडेट रिटर्न दाखिल कर सकता है।
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किस-किस को दिये गए हैं Income Tax नोटिस?
इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, आयकर विभाग (Income tax department of India) ने 12 हजार वेतनभोगी टैक्सपेयर्स को सूचना नोटिस भेजे हैं। ऐसे वेतनभोगी आयकरदाताओं को सूचना नोटिस भेजे गए है जिनके द्वारा दावा की गई आयकर कटौती और विभाग के डेटा के बीच का अंतर 50 हजार रुपये से ज्यादा था। इसके अलावा, आयकर विभाग ने 8 हजार HUF टैक्सपेयर्स को भी नोटिस भेजे हैं। इनके द्वारा की गई इनकम रिटर्न फाइल और आयकर विभाग के आंकड़ों के बीच 50 लाख रुपये से ज्यादा का फर्क है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने 900 हाई नेटवर्थ इंडिविजुअल्स को भी नोटिस दिया है। इनके द्वारा अपनी इनकम टैक्स रिटर्न (itr return)में बताई गई आय और विभाग द्वारा आंकी गई आय में 5 करोड़ रुपये से ज्यादा का अंतर है। वहीं 1,200 ट्रस्ट और साझेदारी फर्म द्वारा इनकम टैक्स रिटर्न में दिखाई गई आय और विभाग के डेटा के बीच 10 करोड़ रुपये से ज्यादा का फर्क है। इनको भी सूचना नोटिस दिए गए हैं।
दो लाख टैक्सपेयर्स की आईटीआर में गलतियाँ
आयकर विभाग के प्रारंभिक आंकड़ों के अनुसार 2 लाख आयकरदाताओं द्वारा इनकम टैक्स रिटर्न में खामियां मिली हैं। इनके द्वारा आईटीआर में दी गई आय या खर्च या फिर बैंक अकाउंट डिटेल विभाग द्वारा जुटाए आंकड़ों से मेल नहीं खा रहे हैं। आयकर विभाग ने ये आंकड़े इन आयकरदाताओं से लिंक्ड बैंक और यूपीआई ट्रांजेक्शन के आधार पर जुटाया है।