Farming: उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में किसानों ने पारंपरिक खेती को छोड़कर पूरी तरह से नवीनतम और आधुनिक खेती पर जोर दिया है। जहां अब लाखों रुपये भी कमा रहे हैं।
मिर्ज़ापुर जिले के सीटी विकास खंड क नुआव और मड़िहान जिले के राजगढ़ में ड्रैगन फ्रूट की खेती की जाती है। आप ड्रैगन फ्रूट की खेती करके लाखों रुपये कमा रहे हैं।
जिले में सबसे अधिक ड्रैगन फ्रूट
उत्तर प्रदेश का मिर्जापुर जिला सबसे अधिक ड्रैगन फ्रूट की खेती करता है। 85 एकड़ क्षेत्र में मिर्ज़ापुर जिले में ड्रैगन फ्रूट की खेती की जाती है।
15 किसान बड़े पैमाने पर ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं, जिसमें सौ से अधिक किसान भी शामिल हैं। वाराणसी, लखनऊ, कानपुर और कई अन्य स्थानों में ड्रैगन फ्रूट मिलता है।
ड्रैगन फ्रूट की खेती (Farming) का पहला वर्ष लगभग तीन लाख रुपये खर्च होता है, लेकिन तीसरे वर्ष से खेती से पांच लाख रुपये का मुनाफा मिलना शुरू होता है। ड्रैगन फुट का उत्पादन इस वर्ष 20 टन था, लेकिन अगले वर्ष यह 100 टन हो जाएगा।
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पहले ड्रैगन फ्रूट की खेती विदेशों में हुई
मिर्ज़ापुर में उत्पादित ड्रैगन फ्रूटस को मलेशिया, इंडोनेशिया, वियतनाम, थाईलैंड, मैक्सिको, इजरायल, श्रीलंका और मध्य एशिया में भी उगाया जाता है।
वियतनाम से 3200 पौधे जिले में लाए गए थे। थाईलैंड ड्रैगन फ्रूट का सबसे बड़ा उत्पादक है।
अंतरराष्ट्रीय मांग बढ़ने से ड्रैगन फ्रूट की कीमत बढ़ती है। मिर्जापु में तीन सौ रुपये प्रति किलो ड्रैगन फ्रूट भी मिलता है। जिले के सिटी ब्लॉक में रामजीत दूबे, आशाराम दूबे और राजगढ़ में अजय कुमार सिंह, राधेश्याम सिंह, प्रमोद मौर्य और अरविंद सिंह कृषि करते हैं।
किसान राधेश्याम ने बताया कि एक बीघा में ड्रैगन फ्रूट लगाया गया है। जिसमें लगभग पांच लाख रुपये खर्च हुए। अबतक, दो साल में तीन लाख रुपये फल और तीन लाख रुपये नर्सरी बेचकर लाभ प्राप्त किया है।
ड्रैगन फ्रूट कई बीमारियों को दूर करता है
ड्रैगन फ्रूट भी कई बीमारियों को दूर करता है। यह फल हार्ट डिजीज और डायबिटीज को ठीक करने में काफी प्रभावी साबित होता है। यह फल भी प्रतिरक्षा को बढ़ाता है। इस फल को खाने से डेंगू में प्लेटलेट्स की कमी ठीक हो जाएगी।
यह फल बुखार, लन्स, डायबिटीज और इम्युनिटी को भी बढ़ाता है। तीन प्रकार के ड्रैगन फ्रूट में से पहला बाहर से लाल और अंदर से भी लाल होता है। दूसरा बाहर से लाल होता है लेकिन अंदर से पूरी तरह सफेद है। तीसरा बाहर से पीला है और अंदर से सफेद है।
तीसरा बाहर से पीला है और अंदर से सफेद है। बाहर से लाल और अंदर से लाल फल सबसे महंगे होते हैं।
सरकार भी सहयोग कर रही है
उद्यान विभाग ने किसानों को ड्रैगन फ्रूट की खेती (Farming) के लिए अनुदान दिया है। जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने बताया कि 85 एकड़ जमीन पर ड्रैगन फ्रूट की खेती की जा रही है। किसानों को बताया गया कि प्रति एकड़ 5 से 6 लाख रुपये खर्च होते हैं और तीसरे साल 5 से 6 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा मिलता है।
हमने खुद ड्रैगन फ्रूट की खेती की है, जहां किसान ने बताया कि आधुनिक खेती विधि से किसान लाखों रुपए का मुनाफा कर सकते हैं। आगे हम किसानों को आधुनिक खेती के बारे में जागरूक करेंगे।