Success Story: हर माता-पिता चाहते हैं कि उनके बच्चे अच्छी पढ़ाई करें और प्राइवेट या सरकारी नौकरी में उच्च पदों पर पहुंचें। दुबे के माता-पिता ने सोचा था कि उनका बेटा पढ़-लिखकर IAS बने।
उसने अपने बेटे को दिल्ली में कोचिंग लेने के लिए भेजा, लेकिन उसकी सफलता अब पूरे देश में चर्चा में है।
यह पढ़ने के बाद आपको लगता है कि ये अनुभव दुबे कौन है? यह व्यक्ति चैन चाय-सुट्टा बार का संस्थापक (Success Story) है।
अनुभव दुबे ने अपने दोस्त आनंद नायक के साथ मिलकर इस सफल स्टार्टअप को शुरू किया था। आज युवाओं के लिए चाय-सुट्टा बार देश के कई शहरों में एक लोकप्रिय स्थान बन गया है।
लेकिन, एक अनुभवी उद्यमी ने इस बिजनेस को बड़े जोखिम के साथ शुरू किया था। आइये आपको बताते हैं चाय-सुट्टा बार के संस्थापक दुबे की सफलता की कहानी।
3 लाख रुपये का जुगाड़ करके चाय-सुट्टा बार का फाउंडर अनुभव दुबे के पिता बिजनेस करते हैं, लेकिन वह चाहते थे कि उनका बेटा IAS बने। इसके लिए उन्होंने दुबे को इंदौर से दिल्ली UPSC में कोचिंग करने के लिए अनुभव देने के लिए भेजा।
दुबे ने चार्टेड एकाउंटेंट की परीक्षा में फेल होने के बाद सिविल सर्विस एग्जाम की तैयारी करने लगे। लेकिन उन्होंने बिजनेस करने का मन नहीं बनाया।
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2016 में अनुभव दुबे ने अपने बचपन के दोस्त आनंद नायक के साथ मिलकर एक कंपनी चलाने का निर्णय लिया। विशेष रूप से, वे दोनों इंदौर शहर के निवासी थे। दोनों ने चाय-सुट्टा बार शुरू करने के लिए 3 लाख रुपये जुटाए, हालांकि उनके पास बिजनेस शुरू करने के लिए पर्याप्त धन नहीं था।
साथ ही, अनुभव और खुशी ने अपनी इस दुकान को खोलने की जगह बहुत सोच-समझकर चुनी। दोनों ने इंदौर में Girls’ Hostel के सामने अपना पहला चाय-सुट्टा बार खोला। क्योंकि गर्ल्स हॉस्टल में लड़कों का आना-जाना लगा रहता था और यहीं युवा उनके ग्राहक बनते थे।
खुद की मार्केटिंग चाय-सुट्टा बार खोलने के बाद अनुभव और खुशी के सामने बड़ी चुनौती थी कि अधिक ग्राहकों को दुकान तक लाना। इसके लिए वे खुद अपनी कंपनियों को ब्रांड करने लगे। अनुभव और खुशी अपने दोस्तों के बीच पहुंचकर गंभीर बातचीत करके पूछते हैं कि क्या आप कभी चाय-सुट्टा बार गए हैं? बाद में लोग चाय-सुट्टा बार में आने लगे।
अनुभव दुबे और आनंद नायक ने अपने ब्रांड को छह महीने में बनाया। साथ ही, उन्होंने चार फ्रांसीसी चाय-सुट्टा बार को दो राज्यों में बेच दिया। फिलहाल, देश में 150 से अधिक आउटलेट हैं। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कंपनी हर साल 100 से 150 करोड़ रुपये की बिक्री करती है।