New Rules For Schools: इन 7 जिलों के स्कुलों के लिए सरकार ने जारी किए नए नियम, जानिए

New Rules For Schools: अब परिषदीय स्कूलों में विद्यार्थियों, शिक्षकों और शिक्षकों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज की जाएगी।

20 नवंबर से यह व्यवस्था सात जिलों (लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, खीरी, रायबरेली, उन्नाव और श्रावस्ती) में लागू होगी। इस व्यवस्था को अगले महीने से सभी जिलों में लागू किया जाएगा। शिक्षक विद्यालय में आगमन और प्रस्थान दोनों की रिपोर्ट करेगा।

अब परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों की ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज की जाएगी। 20 नवंबर से यह व्यवस्था सात जिलों (लखनऊ, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर खीरी, रायबरेली, उन्नाव और श्रावस्ती) में लागू होगी। इस व्यवस्था को अगले महीने से सभी जिलों में लागू किया जाएगा।

स्कूलों की जियो फेंसिंग के कारण ऑनलाइन उपस्थिति केवल स्थानीय स्कूलों में ही की जा सकेगी। जियो फेंसिंग एक प्रक्रिया है जो एक भौगोलिक क्षेत्र के चारों ओर एक आभासी सीमा बनाती है और ब्योरा केवल इसकी निर्धारित सीमा में दर्ज करती है।

शिक्षकों की मनमानी पर प्रतिबंध लगाया जाएगा—

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अभी छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों की उपस्थिति केवल मैनुअल रजिस्टर पर दर्ज की जाती है। यही कारण है कि वह इसे मनमाने ढंग से लगाते हैं। हर दिन शिक्षकों की उपस्थिति दो बार दर्ज करनी होगी। शिक्षक विद्यालय में आगमन और प्रस्थान दोनों की रिपोर्ट करेगा।

ग्रीष्मकाल (एक अप्रैल से 30 सितंबर) में, शिक्षक विद्यालय में पहुंचने पर सुबह 7:45 बजे से आठ बजे तक और विद्यालय से बाहर निकलने पर दोपहर सवा दो बजे से ढाई बजे तक रिकॉर्ड कर सकेंगे। साथ ही, एक अक्टूबर से 31 मार्च तक शीतकाल में विद्यालय में पहुंचने पर सुबह 8:45 बजे से नौ बजे तक और विद्यालय से बाहर निकलने पर दोपहर 3:15 बजे से 3:30 बजे तक उपस्थिति दर्ज कर सकेंगे।

विद्यार्थियों को अलग-अलग समय मिलेगा—
छात्रों को ग्रीष्मकाल (अप्रैल से 30 सितंबर) में सुबह आठ बजे से नौ बजे तक और शीतकाल (अक्टूबर से 31 मार्च) में सुबह नौ बजे से 10 बजे तक ऑनलाइन अपनी उपस्थिति दर्ज करनी होगी।

मिड डे मील का ब्योरा भी डिजिटल होगा—ग्रीष्मकाल में दोपहर 12 बजे तक और शीतकाल में दोपहर डेढ़ बजे तक भेजेंगे। 12 रजिस्टर, जिसमें प्रवेश, पत्र व्यवहार, बाल गणना और उपस्थिति शामिल हैं, अब डिजिटल हैं। डिजिटल रजिस्टर नामक एक नया मॉड्यूल प्रेरणा पोर्टल पर बनाया गया है। शिक्षकों को इसी पर विस्तृत विवरण देना होगा। 2.09 लाख टेबलेट अभी परिषदीय विद्यालयों को दिए गए हैं।

बेसिक शिक्षा अधिकारियों को कठोर दिशा-निर्देश
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को स्कूल शिक्षा महानिदेशक विजय किरन आनंद ने इस व्यवस्था को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए हैं।

उनका कहना था कि आगे फेशियल रिकग्निशन तकनीक, यानी चेहरा टैबलेट पर दिखाकर विद्यार्थियों और शिक्षकों की उपस्थिति को रिकॉर्ड किया जाएगा।

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