Electric Vehicle Charging Station से इस तरह करें भरपूर कमाई

Electric Vehicle Charging Station: आप पेट्रोल और डीजल की आसमान छूती कीमतों (Petrol and Diesel Price) से परिचित हैं। CNG की कीमत भी आज महंगी हो रही है।

इसलिए आज इलेक्ट्रिक व्हीकल (Electric Vehicle Charging Station) बहुत लोकप्रिय हैं। इससे कोई प्रदूषण नहीं होता। इसे चलाने का खर्च भी कम है। दिल्ली जैसे महानगरों ही नहीं, कस्बों और गांवों में भी ई रिक्शा काफी लोकप्रिय हो गया है। यही कारण है कि ईलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन अच्छी तरह से चल रहे हैं।

यदि आपके पास कुछ मीटर जमीन और कम से कम एक लाख रुपये की पूंजी है, तो आप इस बिजनस को आराम से चला सकते हैं। इसके लिए हमने टेलियो ईवी (TelioEV), एक हैदराबाद स्थित इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग मैनेजमेंट साफ्टवेयर प्लेटफार्म प्रोवाइडर कंपनी, के फाउंडर अमित सिंह से चर्चा की। इस बातचीत के संपादित भाग निम्नलिखित हैं:

ईवी चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए कितनी रकम चाहिए?

ईवी चार्जिंग स्टेशन की लागत चार्जरों की क्षमता पर निर्भर करती है। इसके लिए कम से कम एक लाख रुपये का निवेश आवश्यक है। क्षमता बढ़ाने वाले चार्जर 40 लाख रुपए तक खर्च कर सकते हैं। AC स्लो चार्जर कम महंगे होते हैं, जबकि DC फास्ट चार्जर अधिक महंगे होते हैं।

DC चार्जर 1 लाख से 15 लाख रुपये के बीच हो सकते हैं, जबकि AC चार्जर 20,000 से 70,000 रुपये के बीच हो सकते हैं। फ्लुइड-कूल्ड बैटरियां फास्ट चार्जर से चार्ज करने के लिए पीसीएस में लिक्विड-कूल्ड वायर होना आवश्यक है।

क्या चार्जिंग स्टेशन को सरकारी अनुमति चाहिए?

चार्जिंग स्टेशन को किसी प्रकार का परमिट नहीं चाहिए। नए नियमों के अनुसार, कोई भी व्यक्ति या संस्था को बिना परमिट के सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन बनाने की अनुमति नहीं दी गई है। इसके लिए आवश्यक बातें तकनीक, सुरक्षा, परफॉर्मेंस स्टैंडर्ड और कुछ प्रोटोकॉल का पालन होना चाहिए।

यह आपके घर में लगाया जा सकता है। यदि आपके पास पर्याप्त धन नहीं है, तो कुछ लोग मिलकर एक स्वयं सहायता समूह बना सकते हैं। सेल्फ हेल्प ग्रुप को फिर बैंक से लोन मिलेगा। उसमें चार्जिंग स्टेशन लगाया जा सकता है। इसकी एक अच्छी बात यह है कि आप इसे महानगरों से लेकर छोटे शहर, कस्बे या गांवों में कहीं भी लगा सकते हैं।

किस तरह के इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन में होंगे?

चार्जिंग स्टेशन में दो प्रकार के EV चार्जर उपलब्ध होंगे। पहले, बैटरी चालित इलेक्ट्रिक वाहन (BEVs) हैं। यह गैस इंजन नहीं है। यह बैटरी से ही चलता है। अधिकांश बीईवी एल2 और रैपिड चार्जिंग के साथ आते हैं। प्लग-इन हाइब्रिड इलेक्ट्रिक वाहन या PHEVs भी आपके स्टेशन पर आएंगे।

यह एक हाइब्रिड कार है जिसमें बड़ी बैटरी और इलेक्ट्रिक मोटर हैं। इसमें चार्जिंग आउटलेट और गैस टैंक हैं, और एल2 चार्जर इसे रिचार्ज करता है।

केंद्रीय और राज्य सरकारों से चार्जिंग स्टेशनों को किस तरह की सहायता भी मिलेगी?

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केन्द्रीय ऊर्जा सचिव आलोक कुमार ने कहा कि FAME (Faster Adoption and Manufacture of (Hybrid and) Electric Vehicles Scheme) में जल्द ही संशोधन किया जाएगा, जिसमें ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने वालों को सहायता दी जाएगी। उन्होंने बताया कि डिस्कॉम या युटिलिटीज़ अपस्ट्रीम इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे ट्रांस्फॉर्मर को लगाएंगे।

इससे चार्जिंग स्टेशन बिजली प्राप्त करेगा। यह आम तौर पर पांच से छह लाख रुपये का खर्च करता है। दिल्ली और उत्तर प्रदेश में सब्सिडी की घोषणा की गई है।

उत्तर प्रदेश में चार्जिंग स्टेशनों को कितनी सहायता दी जाती है?

यूपी सरकार ने कहा कि 2,000 चार्जिंग स्टेशन और बैटरी बदलने की सुविधाओं का निर्माण करने पर सेवा प्रदाता को अनुदान दिया जाएगा। चार्जिंग स्टेशनों पर अधिकतम 10 लाख रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। इस प्रस्ताव में 5 लाख रुपये की पूंजीगत सबसिडी की सीमा भी शामिल है, जो अधिकतम 1,000 स्वैप स्टेशनों को मिलेगी।

दिल्ली में मोबाइल चार्जिंग स्टेशन को कितनी सहायता मिलती है?

दिल्लीवासी डिस्कॉम से ईवी चार्जर इंस्टॉलेशन के लिए फोन करके या ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। Delhi EV Strategy के अनुसार, पहले 30,000 स्लो चार्जिंग पॉइंट्स को 6,000 रुपए की सबसिडी मिलेगी। दिल्ली सरकार ने 1,000 चार्जिंग स्टेशनों को 60 लाख की सबसिडी भी दी है।

चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए बहुत पैसा चाहिए। क्या कोई गारंटी दे सकता है कि इसे लगाया जाएगा?

EV चार्जिंग स्टेशन से लाभ उठा सकते हैं। आप अपने स्थान पर अधिक मुनाफा कमाने के लिए कई तरीके अपना सकते हैं। ईवी चार्जिंग स्टेशनों पर ब्रांडिंग करने के लिए किसी कंपनी से टाइअप करें या ग्राहकों से सीधे भुगतान करें। इससे आपके चार्जरों का खर्च मिलेगा। ईवी बिजनेस बढ़ता ही जाएगा, इसलिए चार्जिंग स्टेशन भी बढ़ेंगे। रिसर्चरों का अनुमान है कि साल 2040 तक दुनिया भर में नए वाहनों की कुल बिक्री में 33 प्रतिशत इलेक्ट्रिक व्हीकल्स होंगे। 2022 में EV की कुल बिक्री 18% बढ़कर 77,849 व्हीकल हो गई। आगे इसमें वृद्धि होगी। इसका अर्थ यह है कि चार्जिंग स्टेशनों का व्यापार लगातार बढ़ता रहेगा।

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