Smart Electricity Meter: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बिजली की समस्या बहुत पुरानी है। बख्शी का तालाब में स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी की शिकायतें मिल रही हैं, वहीं पारा के बीबी खेड़ा में एक परिवार ने 10 महीने पहले बिजली के लिए आवेदन किया था, लेकिन आज भी मोमबत्ती पर निर्भर हैं। आइए जानें इन दो अलग-अलग घटनाओं में विद्युत कनेक्शन..।
बख्शी का तालाब में संपूर्ण समाधान की शिकायत पर जांच का आदेश दिया गया—
स्मार्ट मीटर की गड़बड़ी अब भी जारी है। शनिवार को बख्शी का तालाब में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस पर ग्यारह महीने में तीन लाख लोगों की अयोग्यता का मुद्दा उठाया गया।
एसडीएम सतीश चंद्र त्रिपाठी ने बासावन पुरवा निवासी महिला रामकली की शिकायत को दर्ज कर जांच करने का आदेश दिया है।
महिला ने कहा कि 12 अक्टूबर को स्मार्ट मीटर (Smart Electricity Meter) लगाया गया था। जब कर्मचारी ने मीटर को फिर से देखा, तो पता चला कि आपका बकाया तीन लाख रुपये था। वह तब से बिजली विभाग के चक्कर लगा रही है, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। राजापुर इंदौरा गांव के किसान नरेंद्र कुमार ने खेत तक जाने वाले चकमार्ग गाटा संख्या-223 और सिंचाई के लिए सरकारी नाली गाटा संख्या-219 को लोगों ने जोत कर खत्म कर दिया है, जिससे गांव के किसानों को परेशानी हो रही है।
एसडीएम ने राजस्व निरीक्षक क्षेत्रीय लेखपाल को पुलिस बल के साथ मौके की जांच करके पकड़े गए लोगों पर कार्रवाई करने के लिए कहा। ऐसी 90 शिकायतों में से 21 का समाधान हुआ।
मोमबत्ती के सामने पढ़ते हुए सौम्या ने जेई से लेकर मुख्य अभियंता तक शिकायत की:
बिजली विभाग ने अपने झटपट पोर्टल पर 10 दिनों में फटाफट कनेक्शन देने का दावा किया है, लेकिन वास्तविकता कुछ और है। पिछले साल 21 दिसंबर को पारा के बीबी खेड़ा निवासी कंचन पांडेय ने बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया था।
संबंधित पावर हाउस फतेहगंज (सरोसा) के चक्कर लगाने के बाद भी आवेदन पर कोई कनेक्शन नहीं मिला। चार महीने की प्रतीक्षा के बाद, अधिकारियों ने आवेदन को खारिज करने की घोषणा की, लेकिन कारण नहीं बताया और फिर से आवेदन करने को कहा। कंचन ने इस साल दो अप्रैल को फिर से आवेदन किया और दौड़ने लगी।
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अधिकारी कनेक्शन नहीं दे रहे हैं क्यों? इसका विवरण नहीं दे रहे हैं। कंचन ने निदेशक वाणिज्य से लेकर मुख्य अभियंता से गुहार लगाई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
पड़ोसी को पानी और मोमबत्ती में शिक्षित करें—
कंचन ने बताया कि अभिषेक और सोम्या स्कूल में पढ़ रहे हैं। पीने का पानी पड़ोसी से मिलता है, लेकिन प्रकाश के लिए मोमबत्ती ही चाहिए। बच्चे एक मोमबत्ती के सहारे पढ़ रहे हैं।
बाद में घर के बगल में आवेदन करने वाले से संपर्क हो गया। बिजली की कमी से मुश्किल हो रही है। कोई नहीं सुन रहा है। अब मैं ऊर्जा मंत्री एके शर्मा से संपर्क करके मांग करूँगा।
दरोगा खेड़ा और जानकीपुरम विस्तार में भी दौड़ जारी है-
23 जून को, पारा ही नहीं दरोगा खेड़ा निवासी पवन कुमार सिंह ने बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया था। 10 दिन के कनेक्शन की जगह तीन महीने बीत गए कनेक्शन नहीं मिल रहा है।
जानकीपुरम विस्तार के न्यू कैम्पस पावर हाउस के वसुंधरा कालोनी के निवासियों ने एकजुट होकर कनेक्शन के लिए आवेदन किया. हालांकि, वे तीन महीने से अधिक समय से इंतजार कर रहे हैं, लेकिन कोई संपर्क नहीं हो रहा है।
बिजली कनेक्शन देने से कोई भी अधिकारी बिना कारण बताए नहीं रोक सकता। यदि ऐसा है, तो मामले की जानकारी प्राप्त करने के बाद संबंधित अधिकारी से स्पष्टीकरण मांगा जाएगा।
यदि पारा, दरोगाखेड़ा और जानकीपुरम विस्तार अधिकारियों से पूछताछ की जाती है और कोई कनेक्शन नहीं मिलता है तो उसे कनेक्शन दिलाया जाएगा।