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ड्रोन करेगा किसानों की मदद, यहाँ पर शुरू हुआ Pilot Project

Pilot Project: उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में खेती में किसानों की सहायता के लिए ड्रोन पहली बार आया है। कई गांवों में ड्रोन से डीएपी उर्वरक और तरल यूरिया का छिड़काव किया गया। रबी की फसल की बुआई में भी ड्रोन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। एक दिन में ड्रोन से २० से २५ एकड़ फसल का छिड़काव किया जा सकता है।

किसानों ने ड्रोन खेतों पर मंडराते देखा। इंडियन फारमर्स फर्टिलाइर्ज कोआपरेटिव (इफको) ने विकसित भारत संकल्प यात्रा के तहत किसानों को ड्रोन की सुविधा दी है। यह ड्रोन किसानों की एक एकड़ फसल में इफको तरल यूरिया चार सौ रुपये में छिड़क रहा है।

इसमें किसानों को 300 रुपये और इफको को 100 रुपये मिल रहे हैं।
इफको के मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव सचिन कुमार और ड्रोन पायलट आदित्य मिश्रा ने शुक्रवार और शनिवार को भोजीपुरा ब्लाक के कमुआ मकरूआ और आटा मांडा क्षेत्र में ड्रोन को प्रदर्शन किया। फरीदपुर क्षेत्र में रविवार को ड्रोन पायलट प्रदर्शन होगा। ड्रोन पायलट आदित्य मिश्रा ने बताया कि ड्रोन 20 से 25 एकड़ फसल को एक दिन में छिड़क सकता है।

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पेस्टिसाइड और खाद फैलाते हैं—

ड्रोन खादों और पेस्टिसाइडों को विशेष रूप से फैलाता है। जिससे उत्पादकता बढ़ती है। ड्रोन से एकड़ फसल में छिड़काव पांच से छह मिनट में होता है।

उसकी सबसे अनोखी विशेषता यह है कि वह छिड़काव से पहले जिस क्षेत्र में छिड़काव होना है उसे मैपिंग करता है। फिर पायलट के कंट्रोल से उसी जगह में डालता है।
ये गुण हैं:

डीजीसीए ने एग्रीस्टार ड्रोन को प्रमाणित किया है। दो घंटे तक उड़ान भरने की क्षमता है। 10 लीटर क्षमता का टैंक है। एक उड़ान में २.५ एकड़ फसल छिड़क सकता है। रडार आधारित होने से टक्कर से सुरक्षा मिलती है। ड्रोन एक क्लिक में लैंड कर सकता है।

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