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Sugar Price Hike: महंगी हुई चीनी! इतने बढ़े दाम

Sugar Price Hike: गन्ने के सीमित उत्पादन, घटती रिकवरी दर, निर्यात प्रतिबंध और एथनॉल में बढ़ते उपयोग के चलते चीनी की कीमतों में तेजी देखी जा रही है। इसका सीधा असर आम उपभोक्ताओं पर पड़ने वाला है, क्योंकि बीते एक महीने में चीनी के दाम (Sugar Price Hike) लगभग 6.5 प्रतिशत बढ़ चुके हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि निकट भविष्य में भी इस मोर्चे पर राहत की उम्मीद नहीं है।

गन्ने की कमी से चीनी उत्पादन प्रभावित-Sugar Price today

फरवरी के मध्य तक 77 से अधिक चीनी मिलें बंद हो चुकी हैं, जिससे उत्पादन में बड़ी गिरावट का अनुमान लगाया जा रहा है। मौजूदा अनुमानों के मुताबिक, इस साल चीनी उत्पादन 50 लाख टन से अधिक कम हो सकता है। ऑल इंडिया शुगर ट्रेड एसोसिएशन के अनुसार, वास्तविक आंकड़ा इस अनुमान से भी नीचे जा सकता है, जिससे चीनी उद्योग के समक्ष गंभीर संकट खड़ा हो सकता है।

बंद हो रही मिलें: उत्पादन संकट गहराया

नेशनल फेडरेशन ऑफ को-ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज लिमिटेड (NFCSF) ने पहले ही चेतावनी दी थी कि चीनी मिलों को गन्ने की कमी से जूझना पड़ सकता है। प्रमुख गन्ना उत्पादक राज्यों में मिलें असामान्य रूप से जल्दी बंद हो रही हैं:

महाराष्ट्र में 30 और कर्नाटक में 34 चीनी मिलों ने 15 फरवरी से पहले ही कामकाज रोक दिया।

तमिलनाडु में भी 4 चीनी मिलें बंद हो गई हैं

उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड और गुजरात में भी चीनी मिलें समय से पहले ही शटर गिरा रही हैं।

आमतौर पर चीनी मिलें मार्च-अप्रैल तक सक्रिय रहती हैं, लेकिन इस बार गन्ने की अनुपलब्धता के कारण वे समय से पहले ही बंद हो रही हैं। कुल उत्पादन में 12 से 14 प्रतिशत तक की गिरावट की आशंका जताई जा रही है। जहां पिछले साल 319 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था, वहीं इस साल यह आंकड़ा घटकर 270 लाख टन तक सिमट सकता है।

रिकवरी दर में गिरावट बनी बड़ी चुनौती

गन्ने की गुणवत्ता में कमी के चलते चीनी रिकवरी दर में भी गिरावट आई है।

फरवरी 2023 तक औसत रिकवरी दर 9.87 प्रतिशत थी, जो इस बार 9.09 प्रतिशत तक लुढ़क गई है।
कर्नाटक में रिकवरी दर 9.75 प्रतिशत से गिरकर 8.50 प्रतिशत हो गई है।

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उत्तर प्रदेश में यह 10.20 प्रतिशत से घटकर 9.30 प्रतिशत हो गई है।
महाराष्ट्र और कर्नाटक में बेमौसम बारिश और प्रतिकूल मौसम की वजह से गन्ने की फसल प्रभावित हुई है, जिससे चीनी उत्पादन पर और अधिक दबाव बढ़ गया है।

उपभोक्ताओं की जेब पर बढ़ेगा बोझ

चीनी उत्पादन में गिरावट और मांग में वृद्धि के चलते बाजार में चीनी के दाम लगातार ऊपर जा रहे हैं। आने वाले महीनों में कीमतों में और उछाल की संभावना है, जिससे आम लोगों की रसोई का बजट प्रभावित हो सकता है। सरकार के लिए इस स्थिति को नियंत्रित करना एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है।

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