Google Pay, UPI पेमेंट्स पर देना होगा चार्ज! मोबाइल रिचार्ज पर भी लग रही एक्सट्रा फीस

DC Rate Job, Business: देश में UPI (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) ने डिजिटल लेनदेन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया है। हर दिन करोड़ों यूपीआई ट्रांजैक्शन किए जाते हैं, जिससे सैकड़ों करोड़ रुपये का लेन देन होता है। Google Pay, PhonePe और Paytm जैसी कंपनियां यूपीआई पेमेंट में सबसे आगे हैं और अब तक ये सेवाएं मुफ्त मिल रही हैं। लेकिन जल्द ऐसा हो सकता है कि इन सेवाओं पर चार्ज देना पड़े और उपभोक्ताओं को लेनदेन के लिए अलग-अलग फीस चुकानी पड़ सकती है।
किन सेवाओं पर लग सकता है चार्ज?
बिल पेमेंट: अगर आप क्रेडिट या डेबिट कार्ड से बिजली बिल, पानी बिल या अन्य बिलों का भुगतान करते हैं, तो 0.5% से 1% तक का चार्ज लग सकता है। इसके अलावा, आपको GST भी देना होगा।
मोबाइल रिचार्ज: रिपोर्ट के अनुसार, गूगल पे पिछले एक साल से मोबाइल रिचार्ज पर ₹3 की कन्वीनियंस फीस वसूल रहा है।
क्रेडिट कार्ड से पेमेंट: कुछ यूजर्स से बिजली बिल भरने के लिए ₹15 तक की कन्वीनियंस फीस ली जा रही है। यह चार्ज प्रोसेसिंग फीस के रूप में ऐप में दिखाया जा रहा है, जिसमें GST भी शामिल है।
क्या UPI ट्रांजैक्शन भी होगा चार्जेबल?
फिलहाल, यूपीआई ट्रांजैक्शन पर कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लगाया गया है। हालांकि, एक रिपोर्ट के अनुसार, फिनटेक कंपनियों को हर यूपीआई ट्रांजैक्शन पर 0.25% तक का खर्च करना पड़ता है। इसे कवर करने के लिए कंपनियां नए रेवेन्यू मॉडल को अपनाने की तैयारी कर रही हैं।
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सरकार ने अभी तक UPI ट्रांजैक्शन को मुफ्त रखा है, लेकिन पहले भी UPI पर चार्ज लगाने की मांग उठ चुकी है। यदि भविष्य में फिनटेक कंपनियों को इससे कमाई करने का मौका दिया जाता है, तो UPI पेमेंट्स पर भी चार्ज लग सकता है।
क्या यह उपभोक्ताओं को प्रभावित करेगा?
यदि यूपीआई ट्रांजैक्शन पर कोई चार्ज लगाया जाता है, तो यह छोटे व्यापारियों और आम ग्राहकों के लिए एक बड़ा बदलाव साबित होगा। डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए सरकार UPI को फ्री रखना चाहती है, लेकिन यदि कंपनियों के खर्च बढ़ते हैं, तो भविष्य में शुल्क लग सकता है।