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Breaking News: पाकिस्तान की सच्चाई आई सामने, लड़की ने खोली पोल

Breaking News: पाकिस्तान, पड़ोसी मुल्क, अल्पसंख्यक हिंदू परिवारों पर आत्यचार के लगातार मामले सामने आते हैं। 27 सितंबर 2013 को सिमरन, जो पाकिस्तान में रहती थीं, अपनी चाची बरजी बाई के साथ भारत (यूपी के अलीगढ़) आ गईं।

बाद में, वह अपने दादा-दादी के घर पर एक लॉन्ग टर्म वीजा (Breaking News) पर रहती है। उन्हें नागरिकता देने के लिए अलीगढ़ डीएम से आवेदन दिया गया है। सिमरन चिकित्सा में पढ़ाई कर रही हैं।

वास्तव में, एक युवा सिमरन अपने दादा के साथ अलीगढ़ के डीएम इंद्र विक्रम सिंह से मिलने पहुंची। सिमरन ने डीएम को बताया कि वह अपनी चाची बरजी बाई के साथ 27 सितंबर 2013 को पाकिस्तान से भारत (यूपी के अलीगढ़) आई थीं।

वह पिछले दस साल से अपने दादा-दादी के घर में लॉन्ग टर्म वीजा पर रह रही है। सिमरन ने डीएम को बताया कि वह बीडीएस की पढ़ाई अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से कर रही हैं। उन्हें भारत का नागरिक बनना चाहिए। 2019 में भी सिमर ने भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन किया था।

अलीगढ़ डीएम ने कहा

सिमरन ने डीएम इंद्र विक्रम सिंह से पूरी बात सुनी। सिमरन से उर्दू में नाम भी लिखवाया। इस मामले में डीएम ने कहा कि शहर में रहने वाले पाकिस्तानी नागरिकों ने नागरिकता के लिए आवेदन किया है।

प्रदेश और केंद्रीय स्तर पर इस बारे में निर्णय होना चाहिए। शासन के निर्देशों के आधार पर जांच की जाती है, आपत्तियों का समाधान किया जाता है, और संशोधित जानकारी के साथ भारतीय नागरिकता देने की प्रस्तावना भी भेजी जाती है। सिमरन और उसकी चाची बरजी बाई की भारतीय नागरिकता जल्द ही निर्धारित होगी।

भारत और पाकिस्तान की परिस्थितियों में जमीन-आसमान के बीच अंतर

सिमरन ने बताया कि उनके माता-पिता, दो भाई और बुआ पाकिस्तान के सिंध प्रांत के जाफराबाद में रहते हैं। वह भारत भी आना चाहते हैं। हिंदू बहन-बेटियों को पाकिस्तान में मार डाला जाता है।

उसने इन घटनाओं से इतना भयभीत होकर पाकिस्तान से सीधे अलीगढ़ में अपने दादा-दादी को देखा। भारत और पाकिस्तान का वातावरण जमीन-आसमान से अलग है।

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सिमरन के दादा रमेशलाल ने बताया कि पाकिस्तानी नागरिक होने के कारण वह और उनका परिवार लॉन्ग टर्म वीजा (LTV) के माध्यम से अलीगढ़ में रह रहे थे।

रमेशलाल ने बताया कि पत्नी लाजवंती, पुत्र कैलाश और बेटी पूजा ने 2015 में नागरिकता के लिए आवेदन किया था। उनके एक बेटा हरेशलाल फिलहाल बलूचिस्तान में रह रहा है. 2013 में उनके दूसरे बेटे शंकरलाल और पत्नी बरजी बाई अलीगढ़ गए। उनके पास नागरिकता के लिए भी आवेदन है।

बर्जी और मुस्कान के उपयोग में थे कमियां

पाकिस्तान से आकर अलीगढ़ में रह रहे बरजी बाई उर्फ ज्योति पत्नी शंकर लाल और सिमरन कुमारी पुत्री हरीशलाल ने भारतीय नागरिकता के लिए ऑनलाइन आवेदन किया है।

यह आवेदन फिलहाल राज्य स्तर पर अटके हुए हैं। इनकी जांच में कमियां सामने आई हैं। इसके परिणामस्वरूप, सरकार ने पाकिस्तानी नागरिकों के आवेदन में कमियां सुधारने के लिए तुरंत रिपोर्ट मांगी। इसके बावजूद, वे लांग टर्म वीजा पर रह रहे हैं

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